RVEDI™ 'र्वेदी' – परमात्मा से प्राप्त ज्ञान, कर्म और धर्म का संगम (सनातन)
सनातन का अर्थ है शाश्वत, अनादि और अनंत—जो सृष्टि की उत्पत्ति से है और सदा रहेगा। यह किसी विशेष धर्म तक सीमित नहीं बल्कि संपूर्ण सृष्टि के प्राकृतिक और दैवीय नियमों का प्रतीक है।
सनातन धर्म क्या है?
सनातन धर्म को आमतौर पर हिंदू धर्म के रूप में जाना जाता है, लेकिन यह उससे कहीं व्यापक है। यह कोई एक विशेष मत या ग्रंथ आधारित पंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है, जो वेदों, उपनिषदों, पुराणों और गीता जैसे शास्त्रों पर आधारित है।
सनातन धर्म के मुख्य सिद्धांत:
कर्म और पुनर्जन्म – जैसा कर्म, वैसा फल।
धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष – जीवन के चार पुरुषार्थ।
सत्य, अहिंसा, दया, करुणा – नैतिक मूल्य।
वसुधैव कुटुंबकम् – संपूर्ण संसार एक परिवार है।
एकं सत्य विप्राः बहुधा वदंति – सत्य एक है, लेकिन लोग उसे अलग-अलग रूपों में देखते हैं।
सनातन धर्म की विशेषताएँ:
यह किसी एक गुरु या पैगंबर द्वारा स्थापित नहीं है।
इसमें भक्ति (भक्तियोग), ज्ञान (ज्ञानयोग), और कर्म (कर्मयोग) जैसे मार्ग बताए गए हैं।
इसमें मूर्ति पूजा, ध्यान, योग, हवन, मंत्र जाप आदि को जीवन का हिस्सा माना जाता है।
यह समय के साथ बदलता है लेकिन अपने मूल सिद्धांतों को बनाए रखता है।
सनातन धर्म और आधुनिक युग:
आज भी सनातन धर्म विज्ञान, दर्शन, योग और अध्यात्म का समावेश करता है। यह केवल पूजा-पद्धति तक सीमित नहीं, बल्कि व्यक्ति के आचरण और संपूर्ण सृष्टि के प्रति उत्तरदायित्व को भी समझाता है।
संक्षेप में, सनातन धर्म केवल एक पंथ नहीं, बल्कि मानवता और सृष्टि के शाश्वत नियमों का आधार है।