2012 में गोमती एस और डॉ. बालाजी संपत ने इस बात पर सोचना शुरू किया कि स्कूली बच्चों के लिए गणित और विज्ञान को दिलचस्प कैसे बनाया जा सकता है.
चेन्नई स्थित AhaGuru Education Technology Private Limited को शुरू करने के पीछे की सोच के बारे में बताते हुए गोमती बताती हैं, “चूंकि बहुत से स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की कमी है इसलिए अधिकतर स्टूडेंट्स कोचिंग पर जाते हैं. लेकिन अधिकतर संस्थान कॉन्सेप्ट और रीज़निंग पर ध्यान न देते हुए स्टूडेंट्स को फ़ॉर्मूला और क्वेश्चन पैटर्न रटाने पर ज़्यादा ज़ोर देते हैं. अधिकतर कोचिंग क्लासेस स्टूडेंट्स को सिखाने के बजाए डराते हैं. बहुत से अच्छे स्टूडेंट्स भी आईआईटी या नेशनल एलिजिबिलिटी एंड एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की कोचिंग क्लास में जाकर अपने आपको कमज़ोर समझने लगते हैं. AhaGuru की कोशिश यही रहती है कि हर स्टूडेंट बेहतर ढंग से सीखे और खुद को कमज़ोर न समझे.”
AhaGuru के दो प्रोडक्ट हैं - मेंटर्ड लर्निंग प्रोग्राम और ‘लाइव वर्चुअल’ ऑनलाइन क्लासेस. पहले प्रोडक्ट के माध्यम से स्टूडेंट की प्रगति पर नज़र रखने और उनकी शंकाओं को दूर करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर एक मेंटर प्रदान किया जाता है. दूसरा प्रोडक्ट दो साल का प्रोग्राम है जिसमें स्टूडेंट्स सीधे एक्सपर्ट टीचर्स से सीखते हैं.
AhaGuru माता-पिता को उनके बच्चों के लिए नए प्रोडक्ट की जानकारी देने और प्रगति के बारे में बताने के लिए WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल करते हैं. ग्रुप्स के इस्तेमाल से स्टूडेंट्स से बातचीत करना, उनकी प्रगति पर निगाह रखना और शंकाओं को तुरंत दूर करना बहुत आसान हो जाता है.
तीन साल में ही उनकी आय 70 लाख से 6 करोड़ तक जा पहुँची है. ऐप का इस्तेमाल शुरू करने के बाद से उनका बिज़नेस हर साल दुगुना हो गया है और उन्हें सकारात्मक समीक्षाएँ मिली हैं.
गणित और विज्ञान पढ़ाना इतना आसान नहीं है. लेकिन AhaGuru के कोर्स और WhatsApp की थोड़ी सी मदद से स्टूडेंट्स को अब इन विषयों की पढ़ाई थोड़ी आसान लगने लगी है.