शहरों की ओर बढ़ते पलायन और बड़े, संयुक्त परिवारों का चलन कम होने के चलते पारंपरिक खेती करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. हालाँकि कई सामाजिक संगठन इस प्रवृत्ति को उलटने और सस्टेनेबल फ़ार्मिंग और डेयरी के बिज़नेस को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. इसमें Akshaykalpa भी शामिल है.
2010 में अपनी शुरुआत से ही बेंगलुरू स्थित Akshayakalpa किसानों को पहचान कर, मदद देकर और फिर से गाँवों की ओर ले जाकर खेती करने के लिए प्रेरित करने का काम कर रहा है. आज Akshayakalpa कर्नाटक के तिपतुर के करीब 160 किसानों के साथ काम कर रहा है. उन्होंने इसी ब्रांड के तहत ऑर्गनिक दूध और 30 से ज़्यादा डेयरी प्रोडक्ट बेचने का बिज़नेस भी शुरू किया है. 2017-18 में बिज़नेस की आय ₹30 करोड़ (लगभग $4.4 मिलियन) तक पहुँच गई.
फ़ाउंडर शशि कुमार बताते हैं, “आज हमारे ग्राहक जो भी कीमत देते हैं, उसका 63 प्रतिशत सीधे किसानों को मिलता है. अक्तूबर 2018 तक हमारे किसानों की औसत आय ₹65,000 (लगभग $950) प्रति महीना थी. हमारा ग्रोथ प्लान है कि किसानों की आय ₹1,00,000 (लगभग $1500) प्रति महीना तक ले जाएँ.”
Akshayakalpa का 80 से 90 प्रतिशत बिज़नेस सीधे तौर पर बिक्री से आता है. और इसमें उनकी मदद करता है WhatsApp Business ऐप.
ग्रोथ मार्केटिंग मैनेजर ज़ाकिर सुनासरा कहते हैं, “Akshaykalpa ऑर्डर स्टेटस से लेकर उनमें बदलाव और सामान्य सवालों तक, कई तरह की बातचीत WhatsApp चैट पर करता है जिसका बटन हमारी वेबसाइट पर दिया गया है. इससे हम ग्राहकों को आसानी से सर्विस दे सकते हैं. WhatsApp Business ऐप के लेबल और तुरंत जवाब जैसे फ़ीचर्स से ग्राहकों के सवालों का जवाब तेज़ी से दिया जा सकता है.”
जब से इन्होंने WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल शुरू किया है, बिज़नेस का 10 प्रतिशत हिस्सा इसी से आ रहा है.
Akshaykalpa की कोशिशें यह दिखाती हैं कि अगर आप सच्चे मन से और कल्याण की भावना के साथ काम करें और आपके पास WhatsApp Business ऐप जैसे टूल हों, तो सब कुछ संभव है.