माहवारी के दौरान की साफ़-सफ़ाई पर खुलकर बात करने से अभी भी कई लोग बचते हैं. अब जब इंडस्ट्री में इस बात पर भी ज़ोर दिया जाने लगा है कि ईको फ़्रेंडली प्रोडक्ट बनाना ज़रूरी है, यह मामला और जटिल हो गया है.
DEA Corp ने इसी पर ध्यान देते हुए 2016 में मेडिकल ग्रेड सिलिकॉन से मेंस्ट्रुअल कप बनाने शुरू किए.
गुजरात के वापी में स्थित इस कंपनी ने फिलहाल सिर्फ़ स्थानीय स्तर पर ही प्रोडक्ट बेचने पर ध्यान दिया है. फ़ाउंडर स्मिता अमोल माने कहती हैं, “हमने अभी जागरूकता फैलाने और डायरेक्ट सेलिंग पर ही ज़ोर दिया है. हम मौजूदा और संभावित ग्राहकों से बातचीत करने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं.”
WhatsApp का महत्व किसी ऐसे बिज़नेस के लिए बहुत ज़्यादा है जिसके बारे में लोगों में जागरूकता का अभाव है. इस बारे में बताते हुए स्मिता कहती हैं, “हमने यह महसूस किया कि हमारे खासकर दो तरह के ग्राहक होते हैं, ऐसे, जिन्हें यह पता नहीं है कि कप क्या होता है और वे, जिन्होंने इसलिए कप का इस्तेमाल शुरू नहीं किया क्योंकि उन्हें अपने सवालों के जवाब नहीं मिले. इसलिए WhatsApp उन सवालों का जवाब देने का माध्यम बन गया है. हम ग्राहकों की मदद करने के लिए वीडियो और फ़ोटो शेयर करते हैं और वीडियो कॉल भी करते हैं. हमसे स्थानीय स्तर पर WhatsApp पर बहुत ज़्यादा सवाल पूछे जाते हैं क्योंकि यह भारत में सबसे ज़्यादा प्रचलित प्लेटफ़ॉर्म है.”
इनकी टीम ने अभी तक लगभग 1,000 मेंस्ट्रुअल कप बेचे हैं और वे भारत और बाहर भी अपना दायरा बढ़ाना चाहते हैं.
स्मिता बताती हैं, “हमने हाल ही में अफ़्रीका में एक्सपोर्ट करना शुरू किया है और वहाँ से अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है.”
स्मिता यह जानती हैं कि कप का इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं को मनाना आसान नहीं है लेकिन यह भी जानती हैं कि यह बहुत ज़रूरी है.
“हमने यह देखा और महसूस किया है कि पीरियड्स के दौरान मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने से कितना आराम मिलता है. इससे हमारा भरोसा और मज़बूत हुआ है कि हम दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर सकते हैं.”