भारत में रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल चिंताजनक है और इस पर काफ़ी चर्चा भी होती रहती है. वहीं रसायन से मुक्त खेती स्थानीय किसानों के लिए आशा की नई किरण लेकर आई है. लेकिन ग्राहकों और किसानों के बीच सही समन्वय नहीं है. ग्राहकों को शुद्ध ऑर्गनिक चीज़ें चाहिए और ऑर्गनिक खेती करने वालों को सीधे ग्राहक तक पहुँचने के लिए बेहतर माध्यम और तरीके चाहिए.
इसलिए 2017 में दीपक सभरवाल और नरिंदर सोंढी ने Earthy Tales की शुरुआत की जो कि कम्युनिटी आधारित ब्रांड है जो खेतों को रसायनों और कीटनाशकों से मुक्त करने को लेकर किसानों के साथ काम कर रहा है. ये सुनिश्चित करते हैं कि ग्राहकों तक पहुँचने वाली चीज़ें कीटनाशकों और अन्य ज़हर से मुक्त हों.
दीपक बताते हैं, “समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा ही हमें आगे बढ़ाती है.”
Earthy Tales किसानों का मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए बिचौलियों को हटाने की भी कोशिश कर रहा है और ग्राहकों को रसायन वाले खाने के पदार्थों के नुकसानों के बारे में जागरूक भी कर रहा है. साथ ही, वे भोजन के स्रोतों को लेकर ज़्यादा पारदर्शिता भी ला रहे हैं.
कंपनी ने अपनी वेबसाइट और डिलिवरी ऐप शुरू करने से पहले WhatsApp और Facebook के उपयोग से काम करना शुरू किया था. उनके सभी किसान उनसे अभी-भी WhatsApp के माध्यम से जुड़े हुए हैं. वे ऐप का इस्तेमाल ऑर्डर लेने, डिलिवरी स्टेटस अपडेट करने, खेत के फ़ोटो प्राप्त करने और प्रसारण सूची फ़ीचर का इस्तेमाल करके अपने ग्राहकों को लाइव अपडेट शेयर करने के लिए करते हैं. वे ग्राहकों को खेतों में जाकर लाइव अपडेट देकर, उनकी चुनौतियों के बारे में बताकर और रसायन युक्त खाने की चीज़ों को खाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देकर ऑर्गनिक फ़ार्मिंग की बारीकियों से लोगों को रूबरू कराते हैं. इसके अतिरिक्त वे ऑर्गनिक फ़ार्मिंग के बारे में टिप्स देकर किसानों को ट्रेनिंग देते हैं.
उनका बिज़नेस पिछले साल की तुलना में 100 प्रतिशत बढ़ गया है और WhatsApp के इस्तेमाल से उनकी आय तीन गुनी हो गई है. दीपक के अनुसार ऐप से शुरुआती दौर में अच्छी साख बनाने में मदद मिलती है.
वे कहते हैं, “WhatsApp से बिज़नेस में मानवीय भावना आई है, बातचीत अब ज़्यादा व्यक्तिगत हुई हैं और ग्राहक अब बिज़नेस के ज़्यादा करीब आ गए हैं.”
आज Earth Tales दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 500 से ज़्यादा परिवारों को ताज़े ऑर्गनिक तरीके से उगाए गए प्रोडक्ट मुहैया करा रहा है.
“रसायन मुक्त खेती को अपनाकर हम अपनी जड़ों की ओर लौट रहे हैं और सेहतमंद जीवनशैली को बढ़ावा दे रहे हैं.”