भारत में हर कोई डिलिवरी बॉयज़ से तो परिचित हैं लेकिन एक कंपनी है जो इस क्षेत्र में डिलिवरी गर्ल्स को लेकर काम कर रही है. Hey Deedee यह अभियान चला रहा है और इसके माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम भी बना रहा है.
इसकी शुरुआत 2016 में रेवती रॉय और जगदीश गोठी ने की थी. लॉजिस्टिक, ट्रांसपोर्टेशन, जॉब क्रिएशन और महिला सशक्तिकरण में रेवती ने एक दशक से भी ज़्यादा समय तक काम किया और इसी अनुभव का उन्होंने Hey Deedee के लिए इस्तेमाल किया. उन्हें यह अच्छे से पता था कि डिलिवरी सेक्टर में महिलाओं के लिए बेहतरीन मौके हैं.
पिछले तीन सालों में Hey Deedee ने सफलता की राह के कई रोड़ों को पार किया है.
रेवती कहती हैं, “सबसे बड़ी चुनौतियाँ थी, मोबिलाइज़ेशन, कैपेसिटी बिल्डिंग, रिटेंशन और पैसा. एम्प्लॉइज़ की जब बात आती है, तो कोई फ़िक्स फ़ॉर्मूला या तय नियम काम नहीं करते हैं. इसलिए हर दिन हमारे लिए नई सीख लेकर आता है और हम चुनौतियों से निपटने के नए तरीके अपनाते हैं.”
WhatsApp मददगार है. रेवती कहती हैं कि हम लोग अपने रोज़ाना के कामकाज के लिए बड़े पैमाने पर WhatsApp और उसके कई फ़ीचर्स का इस्तेमाल करते हैं. इसमें लाइव स्थान शामिल है जिससे रेवती और उनकी टीम अपने स्टाफ़ की अटेंडेंस ले सकते हैं, भले ही वे कहीं भी हों. पैकेज, डिलिवरी लोकेशन और समय के बारे में सभी जानकारी WhatsApp के माध्यम से फ़्लीट के साथ शेयर की जाती है. WhatsApp पर ही ग्राहकों से रियल टाइम फ़ीडबैक मिलता है जिससे वे एम्प्लॉई के कामकाज पर नज़र रख सकते हैं.
आगे के लिए रेवती कहती हैं कि उन्हें पक्का यकीन है कि Hey Deedee कई हज़ार जॉब उपलब्ध कराएगा और अपने साथ काम करने वाली महिलाओं का जीवन बदलने में सफल होगा. एक दिन लोग डिलिवरी गर्ल्स से भी उतने ही परिचित होंगे जितने आज डिलिवरी बॉयज़ से हैं.