इन दिनों फ़्लाइट का लेट होना या कैंसिल होना कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसा होने पर ज़्यादातर यात्री निराश व गुस्सा हो जाते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि फ़्लाइट में किसी भी तरह की रुकावट आने पर उन्हें अपना पैसा वापस मिल सकता है. यह बात पल्लवी और अंकुर भी नहीं जानते थे.
ऐसे ही एक बार छुट्टी के दौरान जब पल्लवी और अंकुर की फ़्लाइट किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से देर हो गई, तो वे दूसरी फ़्लाइट बुक करने लग गए. लेकिन उस समय कोई फ़्लाइट उपलब्ध नहीं थी और एयरलाइन की हेल्प डेस्क से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी. ऑनलाइन शिकायत रजिस्टर करते समय उन्हें 'कॉन्ट्रैक्ट ऑफ़ कैरिएज' के बारे में पता चला और वे यह जानकर हैरान रह गए कि वे मुआवज़े के तौर पर 600 यूरो (650 अमेरिकी डॉलर से भी ज़्यादा) पाने के हकदार हैं. हालांकि वे दीपावली पर घर तो नहीं पहुँच पाए, लेकिन उन्हें एक चेक मिल गया और साथ ही बिज़नेस शुरू करने का आइडिया भी. 2017 में उन्होंने व्यक्तिगत AI असिस्टेंट Instalocate की शुरुआत की जो रियल टाइम में फ़्लाइट को ट्रैक करता है. यात्रा की संभावित समस्याओं का अनुमान लगाता है और फ़्लाइट में देरी हो जाए तो आपको आपके पैसे वापस दिलवाता है.
अंकुर कहते हैं, "हमारा मिशन है AI असिस्टेंट का एक ग्रुप इस्तेमाल करके यात्रा के अनुभव को मॉडर्न बनाना, ताकि यात्रा के दौरान आपको होने वाली बेचैनी को कम किया जा सके."
Instalocate ने बिज़नेस के पहले दिन से ही WhatsApp Business ऐप इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
देर से आई या कैंसिल हुई फ़्लाइट के लिए लोगों को मुआवज़ा दिलाने के दौरान उन्हें पता चला कि उन्हें कुछ दस्तावेज़ों, जैसे कि बोर्डिंग पास की भी ज़रूरत पड़ेगी. जिसे WhatsApp पर शेयर करना ज़्यादातर यूज़र्स को आसान लगता है. Instalocate ने देखा कि 25 प्रतिशत बिज़नेस कन्वर्ज़न ऐप पर होता है.
पल्लवी कहती हैं, "हमारे ज़्यादातर यूज़र यात्री हैं जो तुरंत जानकारी चाहते हैं और ऐप रियल टाइम में उनसे कनेक्ट करने में हमारी मदद करता है."
Instalocate और WhatsApp की मदद से, फ़्लाइट में देरी होने या कैंसिल होने पर पहले जितनी परेशानी नहीं होती है.