कई भारतीयों की तरह उपल ज्योति बरुआह और डेदीप चेतिया भी सिविल सर्विस परीक्षा देना चाहते थे, लेकिन इस मुश्किल परीक्षा की तैयारी करने के लिए दूसरे लोगों की तरह उन्होंने महँगी प्राइवेट कोचिंग नहीं ली, बल्कि उन्होंने असम सरकार द्वारा दी जा रही फ़्री कोचिंग का फ़ायदा उठाया. वे जो सीखते, उसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करते थे.
उपल और डेदीप ने वीडियो, ऑडियो, फ़ोटो और स्टडी मटीरियल (PDF) जैसे कि नोट्स को शेयर करने के लिए WhatsApp ग्रुप बनाया और उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में किफ़ायती दामों पर कोचिंग देने के लिए Let’s Learn Together नाम से प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया. ऐसे कई टीचर्स और स्टूडेंट्स, जो ये परीक्षाएँ पास कर चुके थे Let’s Learn Together प्लेटफ़ॉर्म के साथ मिलकर काम करने लगे. इस साल 156 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे, जिनमें से 65 पास हुए.
Let’s Learn Together अपने ग्राहकों से बात करने के लिए WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल करते हैं.
उपल कहते हैं, “हम WhatsApp Business का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि वह फ़ास्ट व सुरक्षित है और लगभग सभी स्मार्टफ़ोन पर इस्तेमाल किया जा सकता है. 'ग्रीटिंग मैसेज' या 'अवे मैसेज' फ़ीचर से काफ़ी समय बचता है और उससे ग्राहकों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है. साथ ही, ग्राहकों को अपनी लोकेशन समझाने से अच्छा है कि उसे ऐप से शेयर कर दें.”
उन्हें ऐप के कुछ फ़ीचर्स जैसे कि ‘रिकॉर्डिंग’, ‘अटैचमेंच’, ‘छोटा लिंक’ और ‘ग्रीटिंग मैसेज’ बहुत ही काम के लगते हैं. उनके ग्राहक उनसे बेहद खुश हैं क्योंकि वे अपने ग्राहकों के सवालों का जवाब बिना समय लगाए WhatsApp Business ऐप की मदद से दे देते हैं. पिछले साल Let’s Learn Together ने अपने बिज़नेस में बढ़ोत्तरी देखी, उनके यहाँ पढ़ाने वाले 5 से बढ़कर 30 हुए और विद्यार्थी 25 से बढ़कर 600 हुए हैं.
डेदीप कहती हैं, “हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि हम एक ऐसा सिस्टम तैयार करें जिससे हम किसी भी टाइम पर और कहीं से भी जुड़ सकें और WhatsApp ने हमारी इस समस्या को दूर कर दिया.”