हर्षा थाचेरी बाहर का खाना खा-खा कर थक गई थीं.
नए शहर में रहने के कारण उन्हें घर का खाना खाने का मन बहुत करता था, बस उसे खुद पकाना न पड़े. इससे उन्हें Masalabox शुरू करने का विचार आया. एक ऐसी सर्विस जिसमें घर का बना खाना आपके घर तक डिलिवर किया जाए.
हर्षा कहती हैं, “हमारा मॉडल ऐसा है कि इसमें आपको घर पर पका बढ़िया खाना मिलेगा और साथ ही घरेलू काम-काजी लोगों को आय का ज़रिया भी मिलेगा.”
अगस्त 2015 में Masalabox बेंगलुरू में शुरू हुआ और अप्रैल 2017 में इसने पूरी तरह से मील सब्स्क्रिप्शन सर्विस के तौर पर काम करना शुरू कर दिया. Masalabox के पास 150 से ज़्यादा घरेलू रसोइये और 10,000 से ज़्यादा यूज़र्स हैं जो दिनोंदिन बढ़ते ही जा रहे हैं. मील सब्स्क्रिप्शन सर्विस के अलावा Masalabox कॉर्पोरेट लंच, वीकेंड पार्टी या पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए केटरिंग के ऑर्डर भी लेता है. आज मील सब्स्क्रिप्शन से 60 प्रतिशत बिज़नेस आता है जबकि कॉर्पोरेट ऑर्डर से 30 प्रतिशत आय होती है. बाकी हिस्सा पार्टी ऑर्डर से मिलता है.
Masalabox ने शुरुआती दिनों में कस्टमर्स और घरेलू रसोइयों के बीच आसानी से संपर्क करवाने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल शुरू किया और 2018 से वे WhatsApp Business ऐप पर शिफ़्ट हो गए.
हर्षा कहती हैं, “हमारे कस्टमर्स हमेशा कहते हैं कि संपर्क करने के अन्य साधनों के बजाए उन्हें WhatsApp पसंद है.
Masalabox अब अपने कस्टमर्स और रसोइयों से रोज़ाना संपर्क करने के लिए WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल करता है और उनके आइडिया और फ़ीडबैक लेता है.
हर्षा कहती हैं, “हर कोई WhatsApp इस्तेमाल करता है और इससे बहुत मदद मिलती है. आसानी से चैट कर पाना इसका सबसे बाद फ़ायदा है. साथ ही प्रोफ़ाइल सेट करने से कस्टमर्स को Masalabox के ईमेल, स्थान और काम करने के घंटों के बारे में जानकारी मिलती है जिससे ब्रांड की विश्वसनीयता बढ़ती है. WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल शुरू करने के बाद से हमारा रिटेन्शन रेट 5 प्रतिशत बढ़ गया है.”
Masalabox फिलहाल और रसोइयों को जोड़ने और दो शहरों में अपनी सर्विसेस बढ़ाने के काम में लगा हुआ है. और हमेशा की ही तरह WhatsApp Business ऐप इस काम में मदद करने के लिए साथ होगा.