हितेश वरयानी और पारुल वरयानी कज़न्स हैं, इन्होंने फ़ैमिली फ़ुटवेयर बिज़नेस की कमान अपने हाथों में लेते ही इसे मॉडर्न बनाने का फ़ैसला किया.
पारुल बताती हैं कि 'पहले हम नए ग्राहक बनाने और अपने प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए बड़े-बड़े ट्रंक में सैंपल रखकर देश में जगह-जगह जाते थे.'
उन्होंने 2018 में फ़ुटवेयर का B2B प्लेटफ़ॉर्म 'मिन्ज़ो इंडिया' तैयार किया.
ये दोनों चाहते हैं कि लोकल कारीगरों को ज़्यादा से ज़्यादा काम मिले और वे सीधे रिटेलर्स और होलसेलर्स से कनेक्ट कर सकें.
पारुल बताती हैं, "हमारी कंपनी का लक्ष्य, दोनों पार्टियों को फ़ायदा पहुँचाना है. कारीगरों को लोकल व्यापारियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा क्योंकि उन्हें अपने प्रोडक्ट्स बेचने के लिए एक नया प्लेटफ़ॉर्म मिलेगा. दूसरी ओर, होलसेलर्स और रिटेलर्स को भी कम से कम कीमतों में बढ़िया से बढ़िया क्वॉलिटी मिलेगी."
10 लोगों की 'मिन्ज़ो इंडिया' टीम कस्टमर्स से कनेक्ट करने के लिए WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल करती है.
पारुल कहती हैं, "वैसे तो हमारी वेबसाइट पर पूरी जानकारी मौजूद है, लेकिन WhatsApp Business ऐप की मदद से हम कस्टमर्स के सवालों और दुविधाओं का आसानी से जवाब दे सकते हैं." पारुल इस बात का भी ज़िक्र करती हैं कि ज़्यादातर कस्टमर्स उनकी वेबसाइट पर मौजूद WhatsApp चैट बटन के ज़रिए उनसे संपर्क करते हैं.
मिन्ज़ो इंडिया की टीम WhatsApp Business ऐप के ज़रिए अपने नए प्रोडक्ट्स के बारे में कस्टमर्स को बताती है. उन्होंने बताया कि कुछ कस्टमर्स सेल्स कॉल्स नहीं उठाते, लेकिन वे WhatsApp चैट पर बात कर लेते हैं.
पारुल एक किस्सा बताती हैं "एक कस्टमर को प्रोडक्ट की क्वॉलिटी को लेकर कई सवाल थे. वह खरीदारी करने से पहले अपनी दुविधा दूर करना चाहती थीं. हमने WhatsApp वीडियो कॉल के ज़रिए उन्हें अपने प्रोडक्ट दिखाए और उनके सवालों के जवाब भी दिए और आखिरकार हमने उनका भरोसा जीत लिया. ऐसा रेगुलर फ़ोन कॉल से कर पाना मुश्किल होता.”
बिज़नेस को ऊँचाइयों तक ले जाने का हमारा लक्ष्य साफ़ है. 'मिन्ज़ो इंडिया' एक मज़बूत और सफ़ल बिज़नेस बनने के लिए पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है.