जब श्रीवास्तवा “श्री” गोर्थी ने अपनी नौकरी छोड़ी तो उनकी पत्नी ने घर में कुत्ते के बच्चे लाने की सलाह दी ताकि उनके पति का मन लगा रहे. घर में कुत्ते के बच्चे लाने से उन्हें नया बिज़नेस शुरू करने का आइडिया मिला, बिज़नेस का नाम उन्होंने Petpal रखा (जिसे पहले युनीकॉर्न पेट सर्विस के नाम से जाना जाता था). यह कंपनी पालतू जानवरों के प्रोडक्ट और सर्विस के लिए बैंगलोर (भारत) में ऑनलाइन खोली गई थी.
2016 में शुरू किए गए इस बिज़नेस के 50,000 ग्राहक हैं जो अपने पालतू जानवरों के खाने-पहनने से लेकर उनकी ग्रूमिंग और उन्हें लाने-ले जाने के लिए Petpal की सर्विस का इस्तेमाल करते हैं. सभी ग्राहक Petpal की वेबसाइट, मोबाइल ऐप और WhatsApp से शॉपिंग कर सकते हैं.
Petpal अपने बिज़नेस को चलाने के लिए पहले दिन से ही WhatsApp का इस्तेमाल कर रहा था. श्री का कहना है कि, “हमें Petpal का ऐप बनाने में लगभग 2 महीने लग गए, लेकिन WhatsApp का इस्तेमाल हम पहले दिन से ही करते आ रहे हैं.”
हाल ही में Petpal ने WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल करना शुरू किया है. 'अवे मैसेज' फ़ीचर का इस्तेमाल करके Petpal अपने ग्राहकों से हमेशा संपर्क में रहता है और 'क्विक रिप्लाई' फ़ीचर अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देने के काम आता है.
पालतू पशुओं के होमस्टे की मालकिन और Petpal की ग्राहक, श्रीदेवी नवनीथ का कहना है कि “WhatsApp से सामान ऑर्डर करना बहुत ही आसान है. मुझे जो सामान चाहिए होता है मैं उसकी लिस्ट बनाकर भेज देती हूँ. Petpal मुझे मेरे ऑर्डर का स्टेटस अपडेट WhatsApp पर भेजता रहता है और डिलीवरी भी समय पर करता है. इससे मुझे किसी अन्य बात की चिंता नहीं करना पड़ती, मैं अपने पेट गेस्ट पर पूरी तरह से ध्यान दे सकती हूँ.”
इनके एक और कस्टमर कमल बांगर कहते हैं, “अगर मैं Petpal को WhatsApp पर ऑर्डर भेज दूँ और उसके बाद मेरा मन बदल जाए या मुझे कुछ और चाहिए हो, तो मैं उन्हें बस एक मैसेज भेज देता हूँ और मेरा काम हो जाता है. जब मैसेज पर दो नीले टिक दिखते हैं, तो मैं समझ जाता हूँ कि मेरा मैसेज डिलीवर हो गया है और पढ़ लिया गया है. इसे इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है.”
आज-कल श्री बहुत व्यस्त रहने लगे हैं और उन लोगों के लिए 'वन-स्टॉप-शॉप' तैयार कर रहे हैं जिनके पास पालतू-जानवर हैं.