VisualEz की शुरुआत तब हुई थी जब अमन खंडेलवाल अपने परिवार का होम डेकोर का रिटेल बिज़नेस संभाल रहे थे. उन्हें अक्सर दूसरे रिटेलरों से यह सुनने को मिलता था कि बिज़नेस कम होता जा रहा है और ग्राहकों को चीज़ें लेने के लिए तैयार करना मुश्किल होता जा रहा है.
उन्हें यह परेशानी हल तो करनी थी लेकिन उस समय वे अपनी MBA एंट्रेंस एक्ज़ाम की तैयारी कर रहे थे. पुणे के सिंबॉयोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेजमेंट (SIBM) से इनोवेशन एंड आंत्रप्रिन्योरशिप में MBA करने के दौरान उनकी मुलाकात शुभम माहेश्वरी से हुई. उन्हें यह एहसास हुआ कि ग्राहक रिटेल स्टोर्स से खरीदारी में कम इंट्रेस्ट इसलिए लेते हैं क्योंकि वे यह अंदाज़ा नहीं लगा सकते हैं कि प्रोडक्ट उनके लिए कैसा रहेगा.
अमन बताते हैं, “होम डेकोर इंडस्ट्री के रिटेलर बेहतरीन प्रोडक्ट्स बेचते हैं लेकिन ग्राहकों के लिए यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता है कि असल में यह प्रोडक्ट उनके यहाँ कैसा दिखेगा.”
VisualEz के टाइल और मार्बल विज़ुअलाइज़र में VR (वर्चुअल रियलिटी) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिससे स्टोर में ग्राहक यह देख सकते हैं कि अलग-अलग प्रोडक्ट असल में इस्तेमाल करने पर कैसे दिखते हैं. दिल्ली स्थित इस कंपनी के अभी भारत में 100 से ज़्यादा यूज़र्स हैं जिसमें तीन कॉर्पोरेट भी शामिल हैं.
2019 में VisualEz ने अपने ग्राहकों से बातचीत करने के लिए WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल करना शुरू किया.
शुभम बताते हैं, “WhatsApp Business के इस्तेमाल से ग्राहकों से जुड़े रहना हमें बहुत आसान लगता है. इससे फ़ॉलोअप करना भी बहुत आसान हो जाता है.”
ग्राहकों को प्रोडक्ट खरीदने के लिए तैयार करने और ज़्यादा लोगों को जोड़ने में ऐप ने उनकी बहुत मदद की है. उन्हें प्रोफ़ाइल पर वेरिफ़िकेशन बैज का फ़ीचर सबसे ज़्यादा उपयोगी लगता है क्योंकि इससे ग्राहकों में भरोसा पैदा होता है. इसी भरोसे के बूते VisualEz को आगे बढ़ने में मदद मिलती है.
शुभम बताते हैं, “हमें पूरा यकीन है कि WhatsApp Business से हमें अगले 4-5 महीनों में काफ़ी कमाई करने में मदद मिलेगी.”