चेन्नई की रहने वाली असमा भैयत का दिन तभी से शुरू हो जाता है, जब दूधवाला सुबह 5 बजे उनके घर की घंटी बजाता है. इसके बाद, वे जिम या फिर मॉर्निंग वॉक पर जाती हैं. लौटते समय असमा सुबह का अखबार खरीदती हैं और ग्रॉसरी वाले को कॉल करके घर पर कुछ सामान डिलीवर करने के लिए कहती हैं. काम पर जाने से पहले वह अपने पति और तीन साल की बेटी के लिए लंच तैयार करती हैं. शाम को, घर वापस आने के लिए असमा कैब लेती हैं. घर पहुँचने के बाद, वह फिर से घर के कामों में बिज़ी हो जाती हैं. असमा का हर दिन ऐसे ही गुज़रता है.
पूरे दिन में असमा को कई बार पेमेंट करनी पड़ती है, जैसे कि दूधवाले को, दुकानदार को, जिम में, अख़बार खरीदते समय, कैब ड्राइवर को और कुछ छोटी-मोटी चीज़े ठीक करवाने के लिए भी उन्हें पेमेंट करनी पड़ती है. असमा ऑफ़िस में एक हाई लेवल एग्ज़ीक्यूटिव पोस्ट पर काम करती हैं और साथ में घर भी संभालती हैं. इस वजह से, असमा को दिन भर के कामों के लिए कैश निकालने का समय नहीं मिलता और न ही वे अपने खर्चों का रिकॉर्ड रख पाती हैं. इसके अलावा, अब COVID -19 महामारी और लॉकडाउन की वजह से भी एटीएम जाना आसान नहीं है. ऐसे में, उनको दोस्तों या बिज़नसेज़ को कैश पेमेंट करने में मुश्किल होने लगी.
कई लोगों की तरह, असमा ने भी डिजिटल पेमेंट के बारे में जानना शुरू किया. अपने अकाउंट्स ट्रैक करने के लिए असमा एक पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करने लगीं. हालाँकि, यह ऐप इस्तेमाल करने में इतना आसान नहीं था, क्योंकि कुछ ही लोग उस ऐप का इस्तेमाल करते थे और वह कभी-कभी गलत व्यक्ति या वेंडर को पेमेंट कर देती थीं. इसके बाद, उन्होंने WhatsApp का 'पेमेंट' फ़ीचर इस्तेमाल करना शुरू किया. उन्होंने देखा कि वे जिन्हें पेमेंट करना चाहती थीं, वे सभी लोग WhatsApp यूज़र्स थे.
असमा का कहना है, "मैं सिर्फ़ फ़ोन नंबर डालकर आसानी से सभी को पेमेंट कर सकती हूँ. अब मुझे अलग-अलग बैंक अकाउंट्स के बारे में भी नहीं सोचना पड़ता. साथ ही, पेमेंट करने के लिए सिक्के भी नहीं रखने पड़ते, यह तो जैसे सोने पर सुहागा हो गया."
असमा आगे कहती हैं, "बातचीत करते हुए आसानी से पैसे भेजे जा सकते हैं या फिर दोस्तों से पैसे भेजने के लिए कहा जा सकता है. इसके लिए किसी दूसरे ऐप पर स्विच भी नहीं करना पड़ता. इसके अलावा, यह इस्तेमाल करने में बहुत आसान है. आपको पैसे ट्रांसफ़र करने का सबूत मिल जाता है और आप किसी के संपर्क में आने से भी बच जाते हैं." असमा ने यह भी बताया कि उन्होंने अब WhatsApp* पर UPI QR कोड स्कैन करके लोकल बिज़नसेज़ को भी पेमेंट करना शुरू कर दिया है. "WhatsApp…ने मेरा कीमती समय बचाया है और मेरे लिए समय ही पैसा है. WhatsApp पेमेंट की मदद से मैं एक तीर से दो निशाने लगाती हूँ - सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखती हूँ और अपने पर्सनल फ़ाइनेंस को भी आसानी से मैनेज करती हूँ.”
दिन भर काम में बिज़ी रहने और अपने खर्चों का बजट बनाने के चलते, असमा को अपने परिवार के साथ वक्त बिताने के लिए ज़्यादा समय नहीं मिल पा रहा था. WhatsApp पर पेमेंट फ़ीचर इस्तेमाल करने से यह सब बदल गया. उनका कहना है, "आसानी से पेमेंट होने की वजह से अब मैं रोज़मर्रा के काम करते हुए अपने परिवार के साथ अच्छा-खासा वक्त बिता सकती हूँ. फिर चाहे नाश्ते के समय अपने पति के साथ कुछ पल बैठकर बातें करना हो या शाम को अपनी बेटी के साथ खेलना."
WhatsApp पेमेंट की मदद से आप एक ही समय में चैट, पैसों का लेन-देन और सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रख सकते हैं. असमा कहती हैं कि WhatsApp पेमेंट एक ऐसा वन-स्टॉप सॉल्यूशन है, जिसे हर कामकाजी माँ ज़रूर इस्तेमाल करना चाहेगी.
*ध्यान दें: पेमेंट फ़ीचर, फ़िलहाल WhatsApp Business ऐप पर उपलब्ध नहीं है.